हिंदी साहित्य में एम.ए. हिंदी एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है जो हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास, उसके विभिन्न रूप और विधाओं के क्षेत्रों में उन्नत ज्ञान और रचनात्मक कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है।

स्नातकोत्तर हिंदी (एम.ए. हिंदी) कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को हिंदी भाषा में रचित साहित्य में एक व्यापक शिक्षा प्रदान करना है, जिसमें कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, एकांकी, आलोचना, पत्रकारिता, रंगमंच इत्यादि के क्षेत्रों में उन्नत ज्ञान और कौशल के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

Eligibility

स्नातक में 45% कुल अंकों के साथ उत्तीर्ण

  • अवधि
    2 वर्ष (4 सेमेस्टर)
  • शुल्क (प्रति सेमेस्टर)
    5,500/-
    परीक्षा शुल्क (प्रति सेमेस्टर)
    1,500/-
    पंजीकरण शुल्क
    500/-
    नामांकन शुल्क
    1,000/-

Highlights

एम. ए. हिंदी कार्यक्रम विशेष रूप से उन विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है जो शिक्षण, पत्रकारिता, लेखन या अनुवाद कार्यक्षेत्रों में जाना चाहते हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में हिंदी भाषा एवं साहित्य के गहन ज्ञान का विकास करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी प्राचीन भाषा में से हिंदी भाषा की उत्पत्ति, देवनागरी लिपि के वैज्ञानिक आधार, भाषाविज्ञान और प्राचीन, मध्यकालीन, काव्य के साथ-साथ गद्य आदि के बारे में जान सकेंगे। इस पाठ्यक्रम के पूरा होने पर, विद्यार्थियों को ज्ञान के प्रमुख क्षेत्रों की गूढ़ समझ प्राप्त होगी, जिनमें शामिल हैं:
 

  • हिंदी भाषा की उत्पत्ति और विकास
  • हिंदी साहित्य का इतिहास
  • युगों से हिंदी कविता का विकास
  • युगों से हिंदी गद्य साहित्य का विकास
  • हिंदी पत्रकारिता
  • हिंदी का भाषाविज्ञान
  • भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र
  • अनुवाद एवं निर्वचन
  • नाटक, रंगमंच एवं अभिनय की कला का अध्ययन और अभ्यास
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Curriculum Details

सेमेस्टर-I

  • हिंदी साहित्य का इतिहास-I
  • मध्यकालीन काव्य-I
  • हिंदी आलोचना
  • हिंदी गद्य (उपन्यास, कहानी एवं
  • अन्य गद्य विधाएँ) - I

सेमेस्टर-II

  • हिंदी साहित्य का इतिहास-II
  • मध्यकालीन काव्य-II
  • हिंदी आलोचना
  • हिंदी गद्य (उपन्यास, कहानी एवं
  • अन्य गद्य विधाएँ) - II

सेमेस्टर-III

  • हिंदी गद्य (नाटक, निबंध एवं
  • आलोचना)
  • प्राचीन एवं निर्गुण काव्य
  • भाषा विज्ञान
  • आधुनिक काव्य
  • कवि, साहित्यकार – तुलसीदास

  • लघु शोध प्रबंध एवं मौखिकी

Program Outcomes (POs)

  • PO1

    साहित्यिक ज्ञान वृद्धि: विद्यार्थी हिंदी साहित्यकारों की साहित्यिक रचनाओं का आस्वादन एवं मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे तथा प्राचीन एवं नवीन साहित्यिक विधाओं का विवेचन-विश्लेषण करके साहित्य-सृजन की ओर प्रवृत्त होंगे।

  • PO2

    समस्या एवं समाधान: विद्यार्थी विभिन्न साहित्यिक विधाओं से संबंधित नवीन समस्याओं से परिचित होंगे एवं उनका समाधान करने में सक्षम होंगे।

  • PO3

    हिंदी साहित्य में नयी संभावनाओं की खोज: विद्यार्थी वैश्वीकरण के दौर में प्रचलित नई संभावनाओं पर ध्यान केन्द्रित करेंगे और उन सम्भावनाओं का प्रत्येक विधा से सम्बन्ध स्थापित कर पाने में निपुण हो सकेंगे।

  • PO4

    प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता: विद्यार्थी वर्तमान समय में अनेकरूपी पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति संवेदनशील बन सकेंगे तथा वातावरण को हरित बनाए रखने में योगदान करने के लिए प्रेरित होंगे।

  • PO5

    आधुनिक जनसंचार तंत्र का ज्ञान: विद्यार्थी जनसंचार एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से हिंदी की उपादेयता तथा प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्र में नई सम्भावनाओं की तलाश करने में सक्षम होंगे।

  • PO6

    साहित्य और समाज का अंतरसंबंध: विद्यार्थी भाषा विज्ञान, अनुवाद विज्ञान, शैली विज्ञान, सौन्दर्यशास्त्र, लोक साहित्य, ललित साहित्य, प्रयोजनमूलक हिंदी एवं पत्रकारिता प्रशिक्षण से परिचित हो कर समाज के परिप्रेक्ष्य में साहित्य का सम्बन्ध स्थापित करने में सक्षम होंगे।

  • PO7

    परम्परा और आधुनिकता का सम्बन्ध: विद्यार्थी हिंदी साहित्यकारों के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं सृजन कार्य से परिचित हो परम्परा एवं आधुनिकता का समन्वय कर समाज को उनकी उपादेयता से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

  • PO8

    जीवन मूल्यों की सार्थकता: हिंदी साहित्य के माध्यम से विद्यार्थी स्थापित शाश्वत जीवन मूल्यों की प्रासंगिकता को समझते हुए अपने व्यवहार में समावेश करने में सक्षम होंगे।

  • PO9

    सामूहिक परिचर्चा: विद्यार्थी हिंदी साहित्य के विकासक्रम का अवलोकन करते हुए व्यष्टि एवं समष्टि के रूपाकार में कार्य को समुचित आकार प्रदान करेंगे तथा साहित्य में ज्ञान वृद्धि एवं रूचि ग्रहण करके आपसी परिचर्चा के माध्यम से तत्कालीन समाज के अनुरूप साहित्य सृजन में प्रवृत्त होंगे।

Program Educational Objectives (PEO)

भाषा, लिपि, समाज, कला, साहित्य, संस्कृति तथा पर्यावरण आदि के बारे में वैश्विक स्तर पर विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाना।

विद्यार्थियों में प्राचीन एवं आधुनिक भाषा तथा विभिन्न विधाओं में रचित साहित्य की प्रासंगिकता तथा महत्व से संबंधित सोच और अनुसंधान की क्षमताओं में वृद्धि करना।

विद्यार्थी अभिनय तथा पत्रकारिता के विविध क्षेत्रों के उपागमों से संबंधित ज्ञान प्राप्त कर रोजगारोन्मुखी होंगे।

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outcomes

Career Path

  • अध्यापन, तकनीकी, अनुवाद, पत्रकारिता, पटकथा लेखन, रंगमंच, अभिनय आदि के क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएँ सुलभ हो सकेंगी।

FAQ

एम. ए. हिंदी क्या है?
एम. ए. हिंदी, हिंदी भाषा और साहित्य का एक स्नातकोत्तर स्तरीय कार्यक्रम है। जिन विद्यार्थियों की हिंदी भाषा और साहित्य में रूचि है और जो हिंदी भाषा के अन्य पहलुओं को सीखना चाहते हैं, वे एम. ए. हिंदी का चयन कर सकते हैं। जो विद्यार्थी उपन्यास, कहानी, कविता, नाटक, भाषाविज्ञान, दर्शनशास्त्र और भाषा विज्ञान के बारे में अधिक जानने, समझने और सृजन की इच्छा रखते हैं, वे एम. ए. हिंदी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एम. ए. हिंदी क्यों चुनें ?
एम. ए. हिंदी विद्यार्थियों को करियर विकल्प में बहुमुखी प्रतिभा विकसित करने के अवसर प्रदान करता है। हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है इसलिए हिंदी सीखना बहुत जरूरी हो जाता है। भारत में हिंदी सबसे अधिक लोकप्रिय भाषा है जो हर सामाजिक पहलू जैसे हिंदी समाचार पत्र, हिंदी पत्रिकाएं, हिंदी समाचार चैनल, टीवी पर हिंदी फिल्मों में इसके उपयोग को बढ़ाती है। एम. ए. हिंदी करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे दिए गए हैं:
  • एम. ए. हिंदी की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात विद्यालय में अच्छे शिक्षक बन सकते हैं जिसके लिए उन्हें बीएड करना भी अनिवार्य है।
  • विद्यार्थी पत्रकारिता के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकते हैं जहाँ वे विभिन्न हिंदी समाचार पत्रों के लिए लिख सकते हैं अथवा संपादक बन सकते हैं।
  • विद्यार्थी एम. ए. हिंदी की पढ़ाई पूर्ण करने के उपरांत हिंदी विषय में उच्च अध्ययन के लिए भी जा सकते हैं और हिंदी में पीएच. डी. कर सकते हैं। अतः अपने क्षेत्र में कुछ उत्पादक शोध कर सकते हैं।
  • भारत में हिंदी भाषा अत्यंत लोकप्रिय है। विद्यार्थी ऐसे करियर का विकल्प भी चुन सकते हैं जहाँ वे हिंदी सीखने की इच्छा रखने वाले गैर-हिंदी भाषी अथवा विदेशियों को हिंदी भाषा पढ़ा सकते हैं।
  • प्रकाशन के क्षेत्र में भी एम. ए. हिंदी उपाधिप्राप्त व्यक्ति कॉपी-एडिटर, कंटेंट राइटर और कई अन्य प्रकार के संबंधित क्षेत्रों में प्रगतिशील करियर बना सकते हैं।
  • जो विद्यार्थी लेखक बनने की इच्छा रखते हैं वे एम. ए. हिंदी का विकल्प चुन सकते हैं जहाँ उन्हें हिंदी साहित्य के बारे में विस्तार से जानने, समझने और रचने का मौका मिलेगा।
  • जिन विद्यार्थियों में रचनात्मक प्रतिभा है, वे हिंदी ‘डेली सोप राइटर’ बन सकते हैं या भारतीय सिनेमा में पटकथा लेखक (स्क्रिप्ट राइटर) के रूप में अपना करियर बना सकते हैं।
एम. ए. हिंदी किसे करना चाहिए?
हिंदी में मास्टर ऑफ आर्ट्स एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम है जिसमें विद्यार्थी हिंदी साहित्य, हिंदी दर्शन, हिंदी काव्यशास्त्र, हिंदी भाषाविज्ञान आदि सीखते हैं। कोई भी उम्मीदवार जो उल्लेखित किसी भी पहलू को सीखना चाहता है, वह एम. ए. हिंदी में प्रवेश ले सकता है। नीचे कुछ कारण बताए गए हैं कि किन विद्यार्थियों को एम. ए. हिंदी की पढ़ाई करनी चाहिए

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